Wednesday, January 23, 2013

Subhash Chandra Bosh - The great soul




अंधेर  घर  में  रोशीनी  सी,
भारत  के   युवा  थे  वो,
सूखे   पेड़  के  हरे  पत्ते  सी,
आशा  के  किरण  थे  वो।

युवा  के  आदर्श   थे,
बुजुर्गो   की  शान ,
बच्चो   के   दोस्त  थे ,
भारतीयों   की  जान,

 अंग्रेजो   का  यूँ   शासन   करना,
उन्हें  नहीं  भाता  था,
भारतीयों   का  अंग्रेजो   के  अंदर  काम  करना ,
उन्हें  नहीं  सुहाता  था।

गाँव -गाँव  में घर -घर  में,
आज़ादी   का  सन्देश   देते  थे,
भारत  के  कोने -कोने   में,
लोगो  को  प्रेरणा  देते  थे।

रंग  लायी   उनकी   ये  मेहनत,
हो  गया   भारत  स्वतंत्र,
बन  गया  भारतीयों   में  हिम्मत,
नहीं   चला  अंग्रेजो   का  तंत्र - मंत्र ,

 दुश्मन  के  वो  दुश्मन   थे,
दोस्त  के  वो   दोस्त ,
 हर  जगह  ऊपर   रहा है  जिनका  नाम,
वो  है  "सुभाष  चन्द्र  बोश ".